pcos test kaise hota hai | PCOS Full Form in Hindi | PCOS kya hai | PCOS bimari kya hai | PCOS ka ilaj kya hai | PCOS problem kya hai
PCOD के जैसे ही PCOS भी महिला मे होने वाली बीमारी है। PCOS बीमारी महिला के प्रजनन अंग मे होती है। इस बीमारी के कारण महिलाओं को कई तरह के दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। महिला को बांझपन का शिकार होना पड़ता है। कभी -कभी तो मधुमेह का शिकार हो जाती है। इस पोस्ट मे हम PCOS बीमारी से जुड़े लक्षण, इलाज, उपचार, कारण जानेंगे।
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PCOS Disease Full Form in Hindi | PCOS kya hota hai in Hindi
PCOS का Full Form (Polycystic Ovary Syndrome) होता है। PCOS का हिन्दी मे फूल फॉर्म पॉलीसिस्टिक ओवरी सिन्ड्रोम होता है। PCOS एक प्रकार की बीमारी है। जो 15 से 30 साल की महिला मे होती है यह महिला के reproductive system होती है। इससे महिलाओं मे मासिक धर्म का आना रुक जाता है, मासिक धर्म के दौरान ज्यादा खून निकलता है, बच्चे पैदा करने मे बहुत ही ज्यादा परेशानी होती है। कई महिलायें बांझपन का शिकार हो जाती है।
PCOS यानि कि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिन्ड्रोम मे महिला के अंदर मेल हार्मोन्स (एन्ड्रोजेन) का लेवल बढ़ जाता है। जिसके कारण अनचाहे जगहों पर बाल उग आते है। अंडाशय मे कई गाँठे बनने लगती है। ये गाँठे छोटी छोटी थैली के आकार मे होती है। इसमे तरल पदार्थ भरा होता है। ये गाँठे धीरे धीरे बड़ी होने लगती है। फिर ये ओव्यूलेशन की प्रक्रिया मे रुकावट डालती है। इसीलिए कई महिलाओं मे ओव्यूलेशन की प्रक्रिया नहीं होने के कारण उन्मे गर्भधारण की संभावना न के बराबर होती है। पसीओएस बीमारी मे सबसे ज्यादा खतरा टाइप 2 के मधुमेह होने का रहता है।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षण – PCOS Problem Symptom in Hindi
1- अनियमित रूप से मासिक धर्म का चक्र – PCOS का लक्षण दिखने पर महिलाओं मे महावारी का चक्र बिगड़ जाता है। अनियमित रूप से महावारी आने लगता है। किसी महीने मे महावारी आता ही नहीं है। किसी महीने मे आता है तो बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होता है। इसीलिए जिस महीने मे महावारी आए उस तारीख को नोट करके रख ले, उसके अगले महीने मे नया आए तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करे।
2- थकावट रहना – पीसीओएस होने पर महिला मरीज को थकावट का भी सामना करना पड़ता है। क्योंकि जितनी इंसुलिन चाहिए ऊर्जा के लिए उतना अग्नाशय बना नहीं पता है।
3 – अनचाहे बालों का बढ़ना – जब किसी महिला के शरीर पर अनचाहे जगहों पर मर्दों के जैसे बाल उगने लगे तो तो हिर्सुटिज्म का लक्षण होता है। पीसीओएस बीमारी मे भी ऐसा ही होता है महिला के पीठ, पेट, चेहरे पर मर्दों के जैसे बाल उगने लगते है।
4 – मुहाँसे – हार्मोन्स के असंतुलन के कारण शरीर का PH लेवल बढ़ जाता है। तब चेहरे पर बार बार मुहासे निकलने लगते है। अगर ये मुहासे बार-बार ठीक होकर निकलने लगे तो ये PCOS बीमारी का लक्षण हो सकता है। डॉक्टर से तुरंत संपर्क करे।
5 – वजन बढ़ना – PCOS बीमारी का लक्षण मे वजन भी बढ़ने लगता है। आपका शरीर बहुत मोटा होने लगता है। इसीलिए बीमारी मे अपनी शरीर को कंट्रोल करे। फाइबर और प्रोटीन युक्त भोजन को करे। कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन को बहुत कम मात्रा मे सेवन करे।
6 – गर्भधारण मे समस्या – जिस भी महिला को PCOS की बीमारी होती है तो उस महिला मे गर्भधारण होने की संभावना घट जाती है यहाँ तक की गर्भपात होने की संभावना बढ़ जाती है।
7 – व्यवहार मे बदलाव – PCOS मे महिला के स्वभाव मे चिड़चिड़ापन, चिंता, उदासी जैसे बदलाव आने शुरू हो जाते है। शरीर भारी-भारी सा होने लगता है। ठीक से पाचन भी नहीं होता है। सिर दर्द होता है।
8 – अंडाशय मे सिस्ट – PCOS बीमारी होने पर महिला के ओवरी मे जहां अंडाशय परिपक्व होता है वहाँ गांठ बनने लगता है। यह गांठ एक छोटे गुब्बारे के थैली नुमा होता है इसमे तरल पदार्थ भरा रहता है। इसी के कारण ओवरी बड़ा हो जाता है। और बच्चेदानी मे बच्चा ठहरना बंद हो जाता है।
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PCOS से बचाव कैसे किया जाए – Useful Treatment for PCOS Disease
देखिए PCOD के जैसे ही PCOS का सफल इलाज या सर्जरी अभी तक ज्ञात नहीं हुआ है। डॉक्टर बीमारी के लक्षण के अनुसार दवा करते है। PCOS या PCOD बीमारी होने के बाद इससे बचने का उपाय यही है कि आप अपने खानपान के आदतों मे बदलाव लाए और साथ ही साथ रोजाना योग करे। तभी जाकर PCOS जैसे बीमारी से लड़ा जा सकता है।
महिला को जब कभी यह एहसास हो की उसका महावारी रुक रुक के आ रहा है या ठीक समय पर नहीं आ रहा है। तभी उसे डॉक्टर के पास जाकर बताना चाहिए। महावारी रुकना किसी भी महिला के लिए दूसरे अलग रूप के बीमारी के लक्षण है
खानपान मे बदलाव क्या करे –
खानपान मे आपको ज्यादा तैलीय और कार्बोहाइड्रेट वाले भोजन का सेवन नहीं करना है। आप हल्के भोजन करो जो आसानी से पाचन को कर सके। तैलीय भोजन PCOS जैसे बीमारी मे मोटापा को नेवता देता है।
फाइबर और प्रोटीन युक्त आहार को ले। इसमे सैल्मन मछली, हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, अंडा, शकरकंद, टमाटर, टूना मछली, दही। जैसे आहार को शामिल कर सकते है। ऐसे आहारों मे भरपूर मात्रा मे विटामिंस पाया जाता है।
रहन सहन मे बदलाव योगा के रूप मे –
रोजाना हल्के व्यायाम को करे। और अपने शरीर से पसीना बाहर निकाले। इससे इंसुलिन के रूप मे ऊर्जा का खपत होगा। ज्यादा इंसुलिन बढ़ने से मधुमेह जैसे बीमारी से बचे रहेंगे।
PCOS बीमारी का उपचार –
PCOS जैसे बीमारी का उपचार डॉक्टर के सलाह पर करे। जो डॉक्टर दवा देता है उसका सेवन प्रतिदिन करे। यह दवाएं आपके हार्मोन्स को नियंत्रित रखती है। बीमारी को काबू मे रखती है।
निष्कर्ष
PCOS बीमारी PCOD बीमारी से ज्यादा घातक है, इसीलिए इसे हल्के मे ना ले। व्यायाम करे, हल्का भोजन करे। इस पोस्ट मे हमने उपचार, बचाव और लक्षण के बारे मे जाना।