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PCOD बीमारी क्या है? यह महिलाओं को क्यों होती है?

दोस्तों, PCOD Medical Full Form in Hindi और PCOD बीमारी क्या होता है के बारे मे विस्तार से जानेंगे। PCOD यह एक प्रकार की खतरनाक बीमारी है, जो महिलाओं को होती है। इसका सही समय पर इलाज नहीं हुआ तो महिलाओं मे इसका बुरा असर देखा जाता है। PCOD (Polycystic Ovarian Disease) बीमारी से हर साल लाखों महिलायें पीड़ित रहती है।

PCOD Full Form | PCOD Full Form in Hindi

PCOD Full Form – Polycystic Ovarian Disease

PCOD Full Form in Hindi – पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि रोग

यह बीमारी किसी भी महिला मे कब होता है। इसका पता उनको नहीं चल पाता है। लगभग 15 से 30 वर्ष की महिला मे इस बीमारी की संकेत पाए जाते है। जब वो प्रौढ़अवस्था मे आ जाती है। मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ के अनुसार 10 मे से हर 1 महिला को यह बीमारी हो जाती है। आइए पॉलीसिस्टिक ओवरी रोग के बारे मे और जाने।

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पीसीओडी बीमारी क्या है? PCOD Bimari Kya Hai in Hindi

पीसीओडी बीमारी यानि ‘पॉलीसिस्टिक ओवरी रोग’ यह महिलाओं मे होने वाली एक ऐसी बीमारी है, जो महिला के ओवरी मे छोटे – छोटे सिस्ट (छोटी-छोटी गांठ) को जन्म देती है। ये गांठ ओवरी मे बनने वाले अंडाशय को नष्ट कर देते है। इससे महिला मे होने वाले मासिक धर्म मे अनियमितता होती है। महिला हार्मोनस को भी अधिक प्रभावित करते है। जिससे महिला के शरीर पर अपरिवर्तित लक्षण दिखाई देने लगते है। महिला को बांझ भी बना देते है। पुरुष हार्मोनस को बनाने लगते है। चेहरे पर मुहाँसे और दाने निकलने लगते है।

PCOD बीमारी का लक्षण – PCOD Problem Symptoms in Hindi

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एक महिला को कई प्रकार के शारीरिक अवस्था से गुजरना पड़ता है। ऐसे मे कई तरह के हार्मोनल विकारों मे परिवर्तन होते है। कोई महिला जब बालिका अवस्था से यौवन अवस्था मे आती है। तो कई तरह के शरीर मे उभार और बदलाव देखने को मिलता है। तभी महिला मे मासिक धर्म (Periods) शुरू हो जाते है।

Periods को हार्मोन्स के द्वारा संचालित किया जाता है। अगर हार्मोन्स सही समय पर अपना कार्य नहीं करते है तब मासिक धर्म के समय मे अनियमितता हो जाती है। तब महिला के शरीर मे इसका बुरा प्रभाव दिखाई देता है। मासिक धर्म के बिगड़ने का दोष महिला के खान-पान और रहन-सहन के कारण भी होता है। PCOD जैसे बीमारी का शिकार होने पर निम्न तरह के लक्षण देखने को मिलता है। पॉलीसिस्टिक ओवरी रोग (Polycystic Ovarian Disease)

  • पीसीओडी बीमारी मे महिला का मासिक धर्म आने मे देरी होती है। मतलब अनियमित तरीके से मासिकधर्म आता है।
  • पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज वजन बढ़ जाता है वजन कम करने मे दिक्कत होती है।
  • सर के बाल पतले हो जाते है और फिर बाद मे पतले होकर झरने लगते है।
  • पीसीओडी बीमारी मे महिला के शरीर के जिस अंग पर ज्यादे बाल नहीं होने चाहिए वहाँ ज्यादा घने बाल उग आते है।
  • चेहरे पर भी बाल निकल जाते है। मुछ निकलने लगता है।
  • पीरियड के समय ज्यादा ब्लीडिंग होती है।
  • प्रजनन संबंधी समस्याएं सामने आने लगती है।
  • कुछ महिलाओं का बच्चा नहीं होता है व बांझपन होने का खतरा रहता है।
  • अंडाशय का अत्यधिक बढ़ जाना।
  • चेहरे पर मुहाँसे।

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पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवरी रोग) का कारण – What causes Polycystic Ovarian Disease (PCOD) in Hindi

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  • आमतौर पर, अंडाशय महिला प्रजनन मेन हार्मोन और थोड़ी मात्रा मे पुरुष प्रजनन हार्मोन (एन्ड्रोजेन) बनाते है। ये प्रत्येक मासिक धर्म के दौरान अंडाशय मे अंडों के सामान्य विकास को नियंत्रित करने मे मदद करते है।
  • उन महिलाओं मे PCOD होने की 50 प्रतिशत अधिक संभावना है, जिनकी तत्काल महिला रिश्तेदार PCOD से पीड़ित है। जैसे-जैसे महिला बड़ी होती है यही PCOD उसकी लिए टाइप – 2 मधुमेह का कारण बनती है। क्योंकि PCOD बीमारी को मधुमेह बीमारी मे एक जीन परिवर्तित करता है।
  • PCOD से पीड़ित 70% महिलाओं मे इंसुलिन की कमी होती है। अग्नाशय (Pancreas) इंसुलिन का उत्पादन करता है। जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है। यह ऊर्जा खाद्य पदार्थों मे उपयोग मीठे पन के कारण मिलती है। अग्नाशय मे यह प्रक्रिया हार्मोन्स के कारण घटित होती है। हमारे शरीर को इंसुलिन की जितनी आवश्यकता होती है। उतनी मात्रा मे अग्नाशय इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है। शरीर मे क्षतिपूर्ति करने के लिए पैनक्रियाज अधिक इंसुलिन बनाने लगता है। इस प्रकार से शरीर मधुमेह का शिकार हो जाता है।

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PCOD बीमारी का पता कैसे लगाए – How PCOD Diagnosis & ?

पीसीओडी बीमारी की पुष्टि करने के लिए कोई विशेष परीक्षण नहीं उपलब्ध हो पाया है। इसके अलावा पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि रोग के लक्षण आप मे दिखाई देते है, तब डॉक्टर आपका निम्न परीक्षण से पता लगाने की कोशिश कर सकता है।

  • आपके खून की जांच करके कि इसमे हार्मोन का स्तर ठीक है कि नहीं।
  • अल्ट्रासाउन्ड के द्वारा आपके अंडाशय और गर्भाशय की जांच करके।

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पीसीओडी का निदान या इलाज कैसे करे – PCOD Treatment in Hindi

देखिए PCOD जैसे बीमारी का अभी सफल इलाज संभव नहीं हो पाया है। हालांकि, उचित उपचार और अपने जीवनशैली मे खास तरह के बदलाव के कारण इस बीमारी से बच सकते है। इस स्त्री रोग को विभिन्न प्रकार के विशेषज्ञ द्वारा जांचा जा सकता है। इसमे स्त्री रोग विशेषज्ञ, एंडोक्रिनॉलॉजिस्ट, आहार विशेषज्ञ, बांझपन विशेषज्ञ और त्वचा विशेषज्ञ शामिल हो सकते है।

इस प्रकार के बीमारी को नियंत्रित करने के लिए वजन का समन्वय रखना बहुत जरूरी होता है। अगर आप बड़े हुए शरीर का 5% भी वजन घटा लेती है तो आपके इलाज मे आसानी हो सकती है। इसीलिए डॉक्टर सलाह देते है कि जिन महिला को PCOD की बीमारी है उन्हें अधिक व्यायाम करना चाहिए। और अपनी स्वास्थ्य जीवन को बनाए रखने के लिए आहार का सही ख्याल रखना चाहिए। इस स्थिति मे जो भी महिला कार्बोहाइड्रेट का सेवन अधिक करती है उसे तुरंत लगाम लगाना चाहिए। ऐसे भोजन को अपने खाने मे रखना चाहिए जिसमे अधिक फाइबर और प्रोटीन हो।

PCOD के इलाज के लिए डॉक्टर इस तरह के दवाओं का सुझाव दे सकते है।

परामर्श के बाद, आपका डॉक्टर आपके मासिक धर्म चक्र को ठीक करने के लिए विभिन्न दवाओं को लिखेगा –

  • बालों का विकास कम हो जाए जिससे डॉक्टर विभिन्न तरह के गर्भ निरोधक गोलियों का मदद लेगा इसमे स्पिरोनोलैक्टोन और एफ़्लोर्निथिन शामिल हो सकता है।
  • प्रोजेस्टीन थेरेपी। डॉक्टर आपके एंडोक्रिनॉलॉजी को बेहतर करने और अंडाशय मे फॉलिकल की संख्या को कम करने के लिए अपरिपक्क फॉलिकल एस्पिरेशन पीसीओएस उपचार की भी सिफारिश कर सकता है। जिससे गर्भवस्था मे आसानी होती है।
  • हालांकि सर्जरी तत्काल विकल्प नहीं है, डॉक्टर गंभीर मामलों मे, लैप्रोस्कोपिक डिंबग्रंथि ड्रिलिंग कर सकता है। जो ओयुलेशन को ट्रिगर करने मे मदद करेगा, यानि अंडाशय से अंडे निकालना।

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पीसीओडी के सही इलाज के लिए आहार।

पीसीओडी बीमारी से पीड़ित महिला को अपने जीवनशैली और खान-पान का विशेष ख्याल रखना पड़ता है। रक्त शर्करा को स्थिर बनाए रखने के लिए खान पान मे नियंत्रण करना अत्यधिक जरूरी है। मधुमेह की बीमारी ना हो शरीर का वजन ना बढ़े।

  • पालक, केला व अन्य पत्तेदार सब्जियां
  • फाइबर युक्त सभी प्रकार के भोजन।
  • प्रोटीन युक्त सभी प्रकार के भोजन
  • मछली
  • कम वसा वाले डेयरी
  • नट और फलियाँ वाले भोजन
  • सबूत अनाज
पीसीओडी बीमारी मे कारगर है व्यायाम

व्यायाम शरीर के हर विकारों को दूर करने के सक्षम होते है। इन्हें आप रोजाना करे। कई तरह के बीमारी को बिना दवा के इलाज के द्वारा सिर्फ व्यायाम से दूर किया जा सकता है। पीसीओडी मे महिला को अपने शरीर की वजन को नियंत्रित करना पड़ता है। अगर शरीर से पसीना नहीं आता है तो हार्ड वर्क करने से पसीना आने लगता है। पसीना नहीं आएगा तो मधुमेह का शिकार हो सकते है।

कई तरह के योग और व्यायाम है। जिनको अपनाने से आप पीसीओडी जैसे गंभीर बीमारी से बच सकती है। और सरल जीवन जी सकती है। बच्चा पैदा कर सकती है।

निष्कर्ष

जो भी महिला को पीसीओडी ( PCOD full form/meaning in hindi) के लक्षण प्रतीत होते है वो स्त्री विशेषज्ञ डॉक्टर से जरूर सलाह ले ताकि समय रहते इसको जड़ सी खत्म किया जा सके। पोस्ट मे सिर्फ आपको PCOD बीमारी के जानकारी को बताया गया है।

पीसीओडी बीमारी पर पूछे गए सवाल (FAQ’s)

Q:- पीसीओडी बीमारी का मतलब क्या होता है?

पीसीओडी बीमारी का मतलब पॉलीसिस्टिक ओवरी रोग होता है। यह सिर्फ 15 से 30 वर्ष के महिला मे देखने को मिलता है।

Q:- यदि कोई महिला पीसीओडी बीमारी से ग्रसित है तो उसे किस प्रकार के भोजन से परहेज करना चाहिए?

किसी भी महिला को पीसीओडी बीमारी मे शर्करा युक्त भोजन करने से परहेज करना चाहिए। क्योंकि पीसीओडी बीमारी मे शरीर शुगर का लेवल बढ़ जाता है। शुगर का लेवल बढ़ने से इंसुलिन पर नकारात्मक असर पड़ता है। जिससे मरीज को मधुमेह से मौत होने का खतरा रहता है। इसके लिए हर पीसीओडी महिला को कम शुगर वाले भोजन को उपयोग करना चाहिए।

Q:- क्या PCOD बीमारी मे व्यायाम करना चाहिए?

हाँ, पीसीओडी बीमारी मे व्यायाम करना चाहिए। इससे शरीर मे शुगर लेवल की मात्रा स्थिर रहती है। व्यायाम मे भुजंग आसन, तितली आसन, शशांक आसन करना चाहिए।

Q:- ओवरी मे सिस्ट या गांठ होने पर क्या करे?

आपको अदरक के कुछ टुकड़ों को आधा कप सेब के जूस, दो सेल्री स्टाक और अनानास के कुछ टुकड़ों को डालकर इसका रस निकालें. फिर यह रस रोजाना दिन में दो बार पीएं जिससे आपको ओवेरियन सिस्ट की समस्या जल्द ही समाप्त हो जाएगी। अलसी के बीज भी सिस्ट या गांठ को सही करने का कारगर उपाय है। इससे शरीर में एस्ट्रोजन का संतुलन बना रहता है।

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