दोस्तों, आप भी मेरे तरह यह विचार करते है, ब्रह्मांड क्या है? आपके मन मे भी ये सवाल जरूर आता होगा कि Brahmand Kya Hai? हम जहां रहते है, क्या ये दुनिया मात्र धूल के कण के समान है? या इससे भी कहीं लाखों गुना छोटा है। हम ये तो जानते है की हमारा अस्तित्व इस अंतरिक्ष मे है। परंतु अंतरिक्ष के अपार और अनंत दूरी के सामने कुछ भी नहीं।
सालों से वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड के बारे मे ज़्यादा से ज्यादा जानने की कोशिश की है। मुझे लगता है जब तक ये मानव सभ्यता रहेगी तब तक ब्रह्मांड के बारे मे जानने की कोशिश करती रहेगी। वैज्ञानिकों के अनुसार मानव सभ्यता कुछ हजार सालों तक ही रहेगी। और कुछ हजार सालों मे हम अपने सौरमंडल के बाहर तक भी नहीं झाँक पाएंगे।
अगर आप भी जानना चाहते हैं ब्रह्मांड के बारे में रोचक जानकारियाँ तो बने रहे हमारे साथ, अंतरिक्ष अनंत हैं, ये तो आज सबको मालूम हैं, मगर इस अनंत अंतरिक्ष का भी कोई छोर होगा। अब हमने अनंत कह दिया है तो इसका मतलब इसका कोई अंत नहीं है। ये तो हमे जानकारी नहीं है और हम इसका कभी पता नहीं लगा सकते है इसीलिए हम ब्रह्मांड को अनंत के नाम की संज्ञा देते है। क्या पता हो शायद कोई अंत भी हो जहां से कोई दूसरा ब्रह्मांड का रास्ता हो या इसके बाहर कुछ और भगवान रहते हो। कुछ भी हो सकता है।
प्राचीन समय में ये बात सबको पता नहीं था। क्या आपको मालूम हैं कि हमारे पूर्वज प्राचीन समय से ही ब्रह्मांड के बारे में जानने की इच्छा रखते थे। उस समय लोग तारों और सूर्य को देखकर अपने समय का पता लगाते थे। और मौसम संबंधी जानकारियाँ भी लोगों को बताते थे।
ब्रह्मांड क्या है? Brahmand Kya Hai?


क्या अनंत ब्रह्मांड में अकेले हम ही हैं?
What is Universe in Hindi?
विकिपीडिया के अनुसार ब्रह्मांड समय और समस्त पदार्थ का संयोजन है। ब्रह्मांड को समय के रूप मे देखना उचित भी लगता है. क्योंकि इसी के अंदर समय घटित होता है।
हमारे शब्दों मे ब्रह्मांड क्या है की परिभाषा —
ब्रह्मांड का सम्पूर्ण समय और ब्रह्मांड का सम्पूर्ण पदार्थ का संयोजन ही ब्रह्मांड कहलाता है। सम्पूर्ण समय का मतलब ब्रह्मांड के हर उस जगह का समय जहां समय परिवर्तित होता है। मतलब पृथ्वी का समय और चंद्रमा का समय कुछ और है। वही ब्लैकहोल का समय कुछ और है।
सम्पूर्ण पदार्थ का मतलब ब्रह्मांड मे मंदाकनियाँ, समस्त तारे, समस्त ग्रह, समस्त खगोलपिंड, समस्त क्लस्टर, समस्त नेब्यूला और ब्लैकहोल, अंतरिक्ष का खाली स्थान है।
ब्रह्मांड मे क्या-क्या है? What is there in the Universe?
ब्रह्मांड मे हम उतना ही जानते है जितना वैज्ञानिकों ने खोजा है। ब्रह्मांड मे और क्या-क्या है? हम नहीं जानते है। अभी तक इंसान का कदम सिर्फ चंद्रमा तक ही पहुँच पाया है। चंद्रमा के अलावा सिर्फ इंसान के द्वारा बनाए गए अंतरिक्ष यान ही सौरमंडल के सीमा को लांघ पाया है।
सन 1979 मे मानव निर्मित दो अंतरिक्ष यान वाइजर वन और वाइजर टू को सफल पूर्ण अंतरिक्ष मे छोड़ा गया था। इन दोनों अंतरिक्ष यान को सौरमंडल के सभी दूर ग्रहों के बारे मे ज्यादा से ज्यादा जानकारी इकठ्ठा करने के लिए भेजा गया था।
इन यानों ने सभी ग्रहों के बारे मे चित्र सहित जानकारियों को इंसानों के पास भेजा। इसके बाद और ज्यादा काम करके के लिए इन्हे अनंत अंतरिक्ष मे खुला घूमने के लिए छोड़ दिया गया। वाइजर वन सौरमंडल के हेलिओस्फीर को पार कर अंधकार अंतरिक्ष मे भटक रहा है। ठीक इसी तरह वाइजर टू भी अरबों किमी दूर निकाल चुका है।
मतलब अभी ऐसा कोई उपकरण नहीं है जिसके सहारे हम अपने सौरमंडल का एक चक्कर भी लगाए। बस ये अंतरिक्ष यान है जो अंधकार मे है इनसे कोई सूचना मिलने वाली नहीं है।
ब्रह्मांड मे सबसे बड़ा पदार्थ supercluster होता है। एक सुपर क्लस्टर मे अरबों क्लस्टर होते है। एक क्लस्टर मे अरबों मंदाकनियाँ, नेब्यूला होती है। इन मंदाकनियों मे अरबों ग्रह, तारे, खगोलपिंड, खाली स्थान और ब्लैकहोल होते है।
ब्रह्मांड अनंत है या इसका कोई अंत है?
सीधी भाषा मे कहें तो ब्रह्मांड अनंत है इसका नया तो कोई छोर है और ना ही अंत। अभी तक वैज्ञानिकों के कल्पना के आधार पर बहुत कुछ ऐसा है हम ब्रह्मांड के बारे मे जानते है। वैज्ञानिकों के कल्पना के अनुसार ब्रह्मांड का विस्तार 93 अरब प्रकाश वर्ष का है। ब्रह्मांड का आकार अंडे जैसा है।
ब्रह्मांड कैसे अस्तित्व मे आया
अंतरिक्ष की उत्पत्ति से जुड़े बहुत से मतभेद है। वैज्ञानिकों के द्वारा माना जाता हैं कि बिग बैंग (Big Bang) के घटना के अनुसार हुआ हैं। परंतु ये सत्य नहीं हैं। इस घटना का कोई पुख्ता सबूत नहीं है।
इस पोस्ट में हम अपने सौरमण्डल से दूर की बात करेंगे यकीनन आपको पढ़ के अच्छा लगेगा।
हमारे अंतरिक्ष या ब्रह्मांड में जो भी पिंड हैं चाहे वो तारे हो या ग्रह सब कुछ प्रसार कर रहे हैं और गति में हैं।
अंतरिक्ष में हमारे सूर्य के अरबों गुणा बड़े तारे हैं इन तारों के अंदर गुरुत्वीय बल इतना हैं कि अगर आप इनके इर्द गिर्द भी चले जाते हैं तो वहाँ से नहीं आ सकते हैं।
ब्रह्मांड के दूरियों को नापने के लिए प्रकाश वर्ष का सहारा लेते हैं हमारा मंदाकिनी 1 लाख प्रकाश वर्ष में फैला हुआ हैं।
93 अरब प्रकाश वर्ष चौड़ा हैं ब्रह्मांड अब आप सोचते होंगे कैसे वैज्ञानिक इतनी बड़ी दूरी को नापते होंगे।
इसके लिए वैज्ञानिकों ने रेडियो तरंगों के माध्यम किसी भी गैलेक्सी के बीच की दूरी को निकलते हैं या किसी भी ग्रह के बीच के दूरी को निकलते हैं।
इस रेडियो तरंग को ‘कॉस्मिक डिस्टेंड लैडर’ कहते हैं। प्रकाश 1 सेकंड में दो लाख की दूरी तय करती हैं अब प्रकाश 1 साल में जितनी दूरी तय करती हैं उस दूरी को 1 प्रकाश वर्ष कहते हैं।
अंतरिक्ष में कुछ ऐसे भी ग्रह मौजूद हैं जहां हीरो, सोने, चांदी और भी मूल्यवान धातु पाए जाते हैं।
हमारे पृथ्वी का सबसे नजदीक का तारा सूर्य हैं परंतु दूसरा नजदीक का तारा प्रॉक्सीमा सेन्चुरी हैं जो की हमसे 4.5 प्रकाश वर्ष दूर हैं।
हमारे गैलक्सी में अब तक खोजा गया सबसे बड़ा तारा जो की ब्रह्मांड में दूसरे गैलक्सी में भी इतना बड़ा तारा नहीं होगा Stephenson 2-18 यह सूर्य से 2150 गुना बड़ा हैं और 19,000 लाइट ईयर दूर हैं।
पूरे ब्रह्मांड में सभी पिंड एक दूसरे से गुरुत्वीय बल के द्वारा जुड़े हुवे हैं।
हमारे गैलेक्सी मिल्की वे के सबसे नजदीक का गैलेक्सी एंड्रोमिडा गैलेक्सी हैं जो कि हमारे गैलेक्सी से 2 गुणा बड़ा हैं।
प्रसिद्ध वैज्ञानिक कार्ल सैगन का कहना हैं कि किसी समुन्द्र के किनारे पर इतने बालू के कण नहीं होंगे जीतने अंतरिक्ष में तारे हैं।
सभी गैलेक्सी के केंद्र में ब्लैक होल रहता हैं। ब्लैक होल अंतरिक्ष के सबसे गुरुत्वीय पिंड हैं। जिसमें इतना ताकत हैं पूरे गैलेक्सी को भी अपने अंदर समा सकता हैं।